सोचो ज़रा…
आप किराने की दुकान पर गए, 100 रुपये का सामान खरीदा और फिर UPI से पेमेंट कर दिया कुछ सेकंड में पैसे चले गए, दुकानवाले ने कहा पहुंच गया! और आप मुस्कुराते हुए गए।
अब सोचिए, अगर यही पेमेंट आप Digital Rupee से करते, तो क्या होता?
Digital Rupee vs UPI की ये लड़ाई सुनने में टेक्निकल लग सकती है, लेकिन असल में ये हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी हुई है।
इस लेख में हम बिलकुल आसान भाषा में समझेंगे कि Digital Rupee क्या है, UPI से कैसे अलग है, और आम आदमी के लिए कौन सा ज़्यादा फायदेमंद है।

ऊपर की तस्वीर में RBI द्वारा छपे दस रुपये के नोट की डिजिटल छवि दिखाई गई है। भविष्य में नकद की जगह ऐसा ही Digital Rupee आपके फोन में होगा।
Digital Rupee vs UPI Contents
Digital Rupee क्या है?
मान लो आपका फोन आपका बटुआ (wallet) बन गया है। बिलकुल वैसे ही जैसे जेब में नकद रखते हो, अब वैसे ही Digital Rupee फोन में रखा पसी होंगे। RBI ने इसे CBDC मतलब सेंट्रल बैंक Digital करेंसी, जिसे Digital Rupee भी कहते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि एक Digital Rupee की क़ीमत हमेशा एक रुपये के बराबर रहेगा। यानी इसके क़ीमत में उतार चढ़ाव नहीं होगा। ये बिलकूँल क्रिप्टोकरेंसी से अलग हे क्रिप्टोकरेंसी की क़ीमत बदलती रहती हे, लेकिन Digital Rupee RBI की गारंटी वाला Digital Note जैसा है। RBI ने कहा है, यह बिलकुल नकद की तरह कानूनी टेंडर होगा।
सोचो ज़रा: जैसे पहले आप मार्केट से सामान लाने के लिए नकद निकालते थे, अब उसी नकद की जगह आप Digital Rupee Wallet से पेमेंट करोगे। आपको असल रूप में कोई नोट हाथ में नहीं मिलेगा, लेकिन फोन की एप में वैसा ही बैलेंस दिखेगा।
Offline फीचर: रिजर्व बैंक ने बताया है कि Digital Rupee में ऑफलाइन ट्रांज़ैक्शन की सुविधा भी दी गयी हे। इसका मतलब ये है कि इंटरनेट न होने पर भी आप डिजिटल रूपये से पैसे भेज सकते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे अपने पास नकद नोट रखते हैं। ये सुविधा खासकर उन जगहों के लिए फायदेमंद है जहां इंटरनेट की दिक्कत आती है।
UPI क्या है?
UPI का पूरा नाम Unified Payments Interface है, इसे NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने 2016 में लॉन्च किया था। UPI ने हमारे मोबाइल फोन को एक सुपर-पावर दी है। अब आप कई बैंक अकाउंट्स को एक ऐप से जोड़कर कभी भी किसी को भी पैसे भेज सकते हो या प्राप्त कर सकते हो।
UPI के फायदे: यह बिलकुल मुफ्त (अधिकतर मामलों में) और फ़ास्ट है। बस आपका बैंक अकाउंट UPI से लिंक होना चाहिए। 24×7, साल के 365 दिन आप एक क्लिक में पेमेंट कर सकते हो। UPI में QR कोड स्कैन करना, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) जैसे आईडल सुविधाएं हैं। उदाहरण के लिए, आप मार्केट में किसी दुकान पर खरीददारी करके वहाँ लगे QR कोड को स्कैन करके तुरंत पेमेंट कर देते हो।

ऊपर की तस्वीर में मोबाइल में QR कोड स्कैन करते हुए डिजिटल पेमेंट हो रही है। UPI में भी इसी तरह QR कोड स्कैन करके आसानी से पैसे भेजे सकते हो और पासे ले सकते हो।
RBI की भूमिका और सरकारी योजनाएं
- Digital Rupee: इसे RBI द्वारा नियंत्रित और जारी किया जाता है। RBI ने दिसंबर 2022 से इसके पायलट प्रोजेक्ट को शुरुआत की। शुरुआत में केवल कुछ चुनिंदा बैंकों के वॉलेट में ही Digital Rupee मिलता था, जैसे SBI, ICICI, HDFC, YES Bank और बाक़ी। इन बैंकों के ऐप पर जाकर आप Digital Rupee खरीदकर अपना ई-वॉलेट बना सकते हैं। RBI कहती है यह रिजर्व बैंक की देनदारियों (liability) पर होगा और कानूनी मुद्रा (legal tender) की तरह है।
- UPI: यह NPCI द्वारा तैयार हुआ प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें सरकार और RBI की अधिसूचना के तहत कई बैंक जुड़े हैं. UPI को भारत सरकार के IT मंत्रालय की देखरेख में नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) चलाता है। जबकि RBI सीधे UPI का संचालन नहीं करता, वो डिजिटल तरीका ये तय करता है कि मोबाइल या ऑनलाइन पैसे कैसे भेजे और लिए जाएँगे। UPI पर कई पेमेंट ऐप काम करते हैं (फोनपे, गूगल पे, BHIM, पेटीएम इत्यादि) जो सभी UPI से जुड़े बैंक खाते use करते हैं।
सरकार की योजना: बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्लॉकचेन आधारित Digital Rupee लाने की घोषणा की थी। RBI ने कहा कि इसका उद्देश्य मौजूदा करेंसी के पूरक के रूप में काम करना है, नकद की जगह नहीं। यानी सरकार-रिजर्व बैंक चाहते हैं कि हमारे पास नकद और डिजिटल दोनों विकल्प रहें।
Digital Rupee vs UPI: Comparison Table
फ़ीचर | डिजिटल रूपया (e₹) | UPI (यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) |
---|---|---|
प्रकृति (Nature) | डिजिटल करेंसी – RBI द्वारा जारी किया गया Digital Note | पेमेंट नेटवर्क – कई बैंक खातों को जोड़ने वाला प्लेटफ़ॉर्म |
जारीकर्ता (Issuer) | रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की Digital Rupee | NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन) द्वारा संचालित |
लेन-देन प्रक्रिया (Transaction Process) | वॉलेट से वॉलेट डायरेक्ट – पेमेंट बैंक को बीच में जाए बिना हो जाती है | बैंक अकाउंट से अकाउंट – मोबाइल ऐप के ज़रिए होता है |
ऑफ़लाइन व्यवहार (Offline Functionality) | संभव हे (विशेष रूप से कंज्यूमर वॉलेट से वॉलेट) | नहीं, इंटरनेट और बैंक कनेक्शन ज़रूरी होता है |
प्रभुत्व (Settlement) | तुरन्त (RBI खाते से सीधे, 24×7) | बिलकुल तेज, 24×7, पर बैंक में सुबह का कटऑफ़ लागू नहीं |
मूल्य स्थिरता (Value Stability) | 1 e₹ = 1 INR (स्थिर, RBI गारंटी सहित) | बैंक में मौजूत पैसा; राशि पर निर्भर करता है |
शुल्क और चार्ज (Fees and Charges) | अब तक फीस या शुल्क नहीं (RBI ने कोई चार्ज नहीं रखा) | आम यूजर्स के लिए लगभग मुफ्त (NPCI नीतियाँ) |
उपयोग (Usage) | कैश की तरह वापर, छोटे-बड़े दोनों भुगतान, DBT से सब्सिडी, रेमिटेंस में लाभ | दैनिक पेमेंट्स: रिचार्ज, बिल, मार्केट, वाणिज्य, फंड ट्रांसफर आदि |
कानूनी दर्जा (Legal Status) | कानूनी निविदा (Legal Tender) – RBI की देनदारी | पेमेंट इंफ़्रा; खुद कोई पैसे नहीं |
गोपनीयता (Privacy) | ट्रैक होने की आशंका (रिजर्व बैंक लेन-देन देख सकता है) | UPI वर्चुअल एड्रेस वगैरह से बैंक डिटेल छिपा रहता है |
आम यूज़र्स के लिए फायदे और नुकसान
डिजिटल रूपया के फायदे:
- कैशलेस सावधानी: ये नकद का डिजिटल रूप है, जेब में पैसे रखने की झंझट नहीं।
- ऑफ़लाइन सुविधा: दूर-दराज इलाकों में भी बिना इंटरनेट के भुगतान किया जा सकेगा।
- सुरक्षा: डाटा एन्क्रिप्टेड रहेगा, फिजिकल चोरी की चिंता नहीं। बस अपना फोन सुरक्षित रखें।
- सरकारी भरोसा: RBI का लॉगो मतलब इसे सरकार का समर्थन मिला हुआ मुद्रा है।
- चेहरे से चेहरा लेन-देन: दोस्त यार या दुकान पर QR कोड से लेन-देन – बिल्कुल नकद की तरह सीधा ट्रांसफ़र।
डिजिटल रूपया के नुकसान:
- गोपनीयता कम: नकद में आदमी पहचान छुपी रहती है, लेकिन डिजिटल रूपये में हर ट्रांज़ैक्शन रिजर्व बैंक देख सकता है।
- किसी को कमाई नहीं: ये नकद जैसा है, वॉलेट बैलेंस पर कोई ब्याज नहीं मिलता।
- डिजिटल डिपेंडेंसी: स्मार्टफोन और एप की जरूरत; अगर फोन खो गया या चार्जिंग ख़त्म हो गयी तो परेशानी हो सकती हे।
- बैंक से टकराव: अगर RBI ब्याज देना शुरू कर दे, तो लोग अपनी बचत अकाउंट से पैसे निकालकर ई-रुपया में डाल सकते हैं, जिससे बैंक की जमा राशि कम हो सकती है।
- नई आदत अपनानी है: पुरानी तरीका छोड़कर नया तरीका सीखना है। शुरू में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे सब आसान हो जाएगा।
UPI के फायदे:
- बहु-उपयोगी: छोटे और बड़े सभी बिल और शॉपिंग के लिए, 24×7 पेमेंट।
- तुरंत पेमेंट: एक क्लिक में पैसे पहुंचते हैं, इंटरबैंक ट्रांज़ैक्शन भी तुरंत (लगभग)।
- बैंक कनेक्टिविटी: आपका बैंक अकाउंट इसकी रीढ़ है, इसलिए पैसे घटी या बढ़ी बात नहीं होती – समुचित लेन-देन।
- सुविधाएँ: QR कोड, वर्चुअल एड्रेस, NFC जैसी सुविधा से पेमेंट आसान।
- शून्य चार्ज: ज्यादातर लेन-देन मुफ्त; एकदम सीधा पैसा बिना फीस।
UPI के नुकसान:
- इंटरनेट जरूरी: बिना इंटरनेट या बैंक सर्वर डाउन होने पर काम नहीं करेगा।
- सुरक्षा चुनौतियाँ: गलत UPI आइडी डाल दी तो पैसे वापस नहीं मिलते। OTP/पासवर्ड भूल गए तो परेशानी। फ़िशिंग और स्कैम का भी खतरा होता है, पर ज्यादातर बैंक पॉलिसी मेव फीट करके समाधान देते हैं।
- व्यक्ति पहचान: अगर पेमेंट गलत जगह हो गया तो उसे ट्रेस करने का झंझट। नकद की तरह तुरंत रद्ध नहीं हो सकती।
भविष्य की संभावनाएँ और प्रभाव
दोस्तों, Digital Rupee और UPI दोनों ही भारत की डिजिटल सफर के अहम पड़ाव हैं। जहां UPI ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को आम आदमी तक पहुंचाया, वहीं डिजिटल रूपया इस सफर को और मजबूत बनाएगा। आइए देखते हैं अगले कुछ साल में क्या बदल सकता है:
- साधारण व्यक्ति की ज़िन्दगी: जैसे कैश ले जाने की बात खत्म हो गई, वैसे ही डिजिटल रूपया से मोबाइल पेमेंट और भी आसान हो सकते हैं। पहले जिस तरह मोबाईल बैंकिंग सीख गए, भविष्य में वे भी सहज महसूस करेंगे।
- उदाहरण – गांवों में फायदा: नेटवर्क न रहने पर भी पेमेंट होगा तो दुकान वाले या आम आदमी आसानी से पैसे भेज पाएँगे – इससे वित्तीय समावेशन (financial inclusion) बढ सकता है।
- सरकारी योजनाएँ: सरकार सीधे लाभार्थियों को सब्सिडी डिजिटल रूपये में भेज सकती है – जैसी सुविधा अभी DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के लिए है। ये पैसों का ट्रैक भी देगी और रिसाव कम करेगी।
- व्यापारियों के लिए: छोटे-मोटे दुकानदार अब रशीद-किताब के चक्कर से बाहर आ सकेंगे। QR कोड वाले पेमेंट से लाइन भी तेज़ होगी।
- दूर तक प्रभाव: डिजिटल रूपये के आने से क्रिप्टोकरेंसी को खारिज करने के लिए एक सशक्त विकल्प मिलेगा। साथ ही वैश्विक स्तर पर भी भारत की डिजिटल इमेज सुधरेगी।
सबकी जेब में नकद के साथ डिजिटल पैसा भी होगा। इसके साथ परिवार में लेनदेन, दोस्तों में खर्च बांटना सब आसान हो जाएगा। जब सरकार और RBI पूरे जोश से इसे लागू करेंगे, तो समझो हमारी पेमेंट हैकभ्यूचर को बड़ा धक्का मिलेगा!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: Digital Rupee कैसे खरीदूं या इस्तेमाल करूं?
फिलहाल सिर्फ कुछ चुनिंदा बैंकों (जैसे SBI, ICICI, HDFC, YES बैंक) की मोबाइल ऐप से ही डिजिटल रूपया लिया जा सकता है आपको अपनी बचत खाते से एक्विटी पे डिजिटल रूपया खरीदना होता है और वो आपके e-रुपया वॉलेट में जमा हो जाता है. भविष्य में और बैंकों को यह सुविधा मिल सकती है।
Q2: क्या Digital Rupee में चार्ज या फीस लगेगी?
RBI की गाइडलाइन के मुताबिक डिजिटल रूपया वॉलेट खोलने या इस्तेमाल करने पर अभी कोई शुल्क नहीं है चाहे ट्रांज़ैक्शन हो या रिचार्ज, RBI ने कोई चार्ज नहीं रखा। परंतु भविष्य में बैंक/ऐप की अपनी नीति हो सकती है, लेकिन अभी उपयोगकर्ताओं के लिए यह मुफ़्त है।
Q3: Digital Rupee सुरक्षित रहेगा या ट्रैक होगा?
हर ट्रांज़ैक्शन डिजिटल लेजर पर रिकॉर्ड होता है, इसलिए पूरी ट्रांज़ैक्शन हिस्ट्री मोबाइल ऐप पर दिखेगी. RBI का कहना है कि शुरुआत में निजता की चिंता न करें लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि नकद के जितनी पारदर्शिता (गोपनीयता) नहीं रहेगी कुल मिलाकर, यह सरकारी नियंत्रित सिस्टम है, इसलिए ट्रांज़ैक्शन ट्रैक होगा लेकिन दुरुपयोग की गुंजाइश कम होगी।
Q4: क्या Digital Rupee UPI की तरह QR कोड से पे कर सकते हैं?
हाँ, बिल्कुल! डिजिटल रूपया में भी QR कोड स्कैन करके पेमेंट संभव है UPI की तरह ही कोई दुकान वाला अपना QR कोड दिखाएगा, आप डिजिटल रूपया वॉलेट से स्कैन कर शुल्क भेज सकते हैं। बिलकुल कैश की तरह सीधा पेमेंट हो जाएगा।
Q5: Digital Rupee भारतीय क्रिप्टो जैसा है क्या?
नहीं, क्रिप्टो से अलग है. क्रिप्टो पर कोई सरकार वॉरंटी नहीं देती. लेकिन डिजिटल रूपया RBI (सरकार) द्वारा जारी होने वाला कानूनी पैसा होगा इसकी वैल्यू हमेशा फ़िक्स रहेगी (1 e₹ = 1 INR).
निष्कर्ष
तो दोस्त, जैसा आज UPI ने हमारे जेब के नकद को डिजिटल वॉलेट से जोड़ दिया है, आने वाला RBI Digital Rupee भी इसी डिजिटल क्रांति की अगली कड़ी है। इसमें आपके मोबाइल में नकद का भार रहेगा, बस वो बिलकुल सुरक्षित, स्पर्शहीन (contactless) और स्मार्ट रूप में। यह नई डिजिटल करेंसी हमें कनेक्ट करेगी, हर जगह भुगतान आसान करेगी और नकदी की सीमाएं मिटाएगी।
आगे बढ़ते हुए, आपको डिजिटल रूपया और UPI दोनों का लाभ उठाना है ! Digital Rupee और UPI दोनों अलग-अलग तरीकों से हमारी मदद कर रहे हैं कि हम बिना नकद के भी आसानी से लेन-देन कर सकें। ये दोनों मिलकर भारत को डिजिटल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं, जिससे हमारा रोजाना का कामकाज ज्यादा आसान हो जाएगा। डिजिटल करेंसी के साथ-साथ AI Based Stock Trading का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ रहा है।
चलो, भविष्य की ओर मिलकर बढ़ते हैं, और बदलते भारत में डिजिटल लेन-देन का आनंद लेते हैं!
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